Day-2 Journaling (Fight over Whatsapp with NLP trainer)

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What do you think? Habitating Red planet Mars for riches is important or, stabilizing our home planet Earth for all of us, is the only important job for all of us? Do we take birth to beautify our own world or, working together for the world of every single person, current, budding & upcoming all generations to save our own home? Can we save our own home without saving our home planet ? An initiative to make mother earth a beautiful home for all of us together. One World, One Family -2040.
दिन के उजाले में कर्म और रात के अंधेरे में कांड, जिंदगी तभी है। सिर्फ कांड करने वालों को दुनिया जीने का जगह नहीं देती और सिर्फ कर्म करने वालों के लिए जिंदगी होती नहीं है।
कर्म दिखावा है और कांड सफलता है। तुम्हारा लक्ष्य और तुम्हारी दिशा ही निर्धारित करती है कि तुम कर्म करने जा रहे हो या कांड।
कर्म बचाओ है और कांड प्रहार है।
समंदर के किनारे पड़े रहने से मृत मछलियों का आहार मिल सकता है जीवित रहने के लिए किंतु जीवन को बनाने के लिए और संघर्ष से बचाने के लिए समंदर में जाकर मछलियों का शिकार करना ही पड़ता है।
थोड़ा-थोड़ा करके अगर समुंदर की गहराई को नापा जाए और समंदर को समझा जाए और उस हिसाब से समंदर में अपना वर्चस्व स्थापित किया जाए तो समंदर का शहंशाह बनने से कोई नहीं रोक सकता।
अचानक से समंदर का शहंशाह बन्ना असंभव है परंतु आत्मघाती मछलियों और समंदर के जीवो से डरकर किनारे पर पड़े रहना आत्मसम्मान का हत्या करने जैसा है।
जो दिख जाए वह कर्म होना चाहिए और जो ना दिखे वह कांड होना चाहिए।
कर्म मानव सभ्यता है और कांड वन सभ्यता है।
कर्म करने के लिए लंबा समय लो किंतु कांड करने के लिए क्षणिक समय ही लो।
पहनावे, दिखावे और बातों से कर्मशील लगो ।
याद रहे मनुष्य स्वभाव से पाशविक ही है परंतु मानवीय सभ्यता से मानव के कुछ ही गुण उसके अंदर होते हैं।
जीवन के उत्थान के लिए कर्म करो या कांड करो। बस करो। क्योंकि जो दोनों में से कुछ भी नहीं कर रहा वह स्वाभाविक मृत्यु के लिए बस आगे बढ़ रहा।
सही ज्ञान तुम्हें आत्ममंथन से, अनुभव से और चिंतन से मिलेगा क्योंकि जो ज्ञान तुम्हें दुनिया से मिला है वह सिर्फ दुनिया के हित के लिए है।
जब चिंतन, मनन और अनुभव एक साथ तुम्हें ज्ञान देने लग जाए तो तुम्हें कर्म के मार्ग से सिर्फ और सिर्फ कांड ही दिखेगा।
प्रत्यक्ष: एक लेखक और दार्शनिक होने के नाते मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की मिलती है कि जो भी विद्या और ज्ञान लोगों को गुमराह करने के लिए और मेरे भारतवासियों और युवाओं को गुमराह करने के लिए बनाया गया है मैं उन सब की धज्जियां उड़ा रहा हूं। सिर्फ और सिर्फ उनके हित में आत्ममंथन, चिंतन, अनुभव के आधार पर उनका मार्गदर्शन करते हुए।
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