Day-2 Journaling (Fight over Whatsapp with NLP trainer)

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What do you think? Habitating Red planet Mars for riches is important or, stabilizing our home planet Earth for all of us, is the only important job for all of us? Do we take birth to beautify our own world or, working together for the world of every single person, current, budding & upcoming all generations to save our own home? Can we save our own home without saving our home planet ? An initiative to make mother earth a beautiful home for all of us together. One World, One Family -2040.
(Kindly translate the blog in your mother language from the side bar)
आजाद तुम होगे एक आजाद देश में पर तुम्हें आजादी नहीं है। तुम अभी भी जकड़े हुए हो मानसिक जंजीरों में दुनिया की गलत अवधारणा में गलत विचारों में अविकसित सोच वाले लोगों के वातावरण में।
तुम आजाद रहकर भी उड़ नहीं पा रहे हो। तुम्हारे पंख तो हैं पर उसमें उड़ान भरने का ताकत है पर विश्वास नहीं। इसलिए आजाद देश में तुम आजाद नहीं हो जब तक कि तुम अपने विचारों को रखने का स्वतंत्र रूप से शुरू ना कर दो। निर्भय होकर स्वतंत्र रूप से इच्छा अनुसार जिंदगी में कुछ करने न लग जाओ। जब तक तुम स्वतंत्र रूप से किसी भी कार्य को करना शुरू ना कर दो जब तक तू स्वतंत्र रूप से किसी भी चीज को संभव होना सोचना शुरु ना कर दो।
देश आजाद जरूर है पर हमारी देश की व्यवस्था या फिर अंग्रेजों ने जो व्यवस्था दे रखा है इस देश को उसकी वजह से आज भी तो उन मानसिक जंजीरों में जकड़े हुए हो और जिस वजह से जीवन में तुम्हारा ना तो उत्थान हो रहा है और ना ही उन्नति हो रही है।
इन जंजीरों से निकलने का एक ही उपाय है अपने विचारों पर विश्वास अपनी अंतरात्मा से बातें करना और हर वह चीज जो तुम्हें चाहिए यह मानना कि यह संभव है।
संभव शब्द ही मानसिक जंजीरों को तोड़ सकता है।
कहने का तात्पर्य यह है कि तुम खुद पर भरोसा ना रख कर, अपने जीवन का मार्ग खुद से न चुनकर,अपना लक्ष्य खुद से निर्धारित न करके, अपना जीवन और अपना बेशकीमती वक्त नेताओं को या सेलिब्रिटी को दे रहे हो जिसका तुम्हारी जिंदगी से कोई लेना देना नहीं है पर तुम्हारे जीवन और समय से उनकी जिंदगी में बहुत कुछ है।
तुम्हें यह विश्वास क्यों नहीं है कि तुम भी एक पर्सनालिटी हो अगर अपने जिंदगी के कुछ साल खुद के ऊपर दे दो।
तुम्हारा अस्तित्व अगर इस जिंदगी में है तो तुम्हारा वर्चस्व भी होगा।
लोगों से सीखना बंद कर दो क्योंकि तुम जिन लोगों से प्रभावित हो या तुम जिन्हें देखते हो या जिनसे तुम सीखना चाहते हो तुम्हें उनसे सीखने की जरूरत नहीं क्योंकि उन लोगों को खुद में बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। क्योंकि जो सिखा सकता है वह या तो व्यस्त है और नहीं तो अपनी दुनिया में लिप्त है।
चीजों को पाने के चक्कर में जिंदगी के बेशकीमती वक्त को खो देना जिसे दोबारा कभी भी पाया नहीं जा सकता महा बेवकूफी है। चीजें जिंदगी को बेहतर खुशहाल बनाने के लिए होती है। कहने का तात्पर्य यह है की चीजें जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए होती है जिंदगी चीजों को पाने के लिए नहीं होती है। समझना कठिन नहीं आवश्यक है।
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